मन बड़ा ही चंचल होता है, कभी कहीं तो कभी और कहीं होता है। इसके कारण मन अशांत रहता है;इस अत्याधुनिक समय में आदमी हो या पक्छी दोनों बड़ा ही विचलित हो गया है।
जिस तरह की नई नई चीजें बाजार में आ रही है ,परेशांनिया भी नई नई आ रही है।रोज-रोज बच्चों की पढ़ाई की चिंता,नौकरी की चिंत, रिश्तों -नातों की चिंता पेरेंट्स की चिंता हमें परेशान करती है। इससे मन बढ़ा ही अशांत रहने लगता है
सुबह उठने का समय निर्धारित करें। जरा सा समय एक्सरसाइज या फिर योगा के लिए निकाले।
योगा में आप मैडिटेशन जरूर करे, ये बड़ा ही प्रक्टिकल तरीका है , इसे आप कम से कम २१ -३० दिनों तक जरूर करें और तभी छोड़े, गजब का फायदा होगा आपको ये तय है।
वक्त -बेवक्त फालतू की न्यूज़ न पढ़ें, इससे सिर्फ और सिर्फ तनाव ही होगा फालतू का। एक बार में एक ही काम अच्छे तरीके से करें।
अपने आस-पास की प्यारी चीजों पर ध्यान दें। अपने पालतू जानवरों से भी समय बिताएं। उन्हें भी प्यार कर।
अपने आप से प्यार करें। अकेले में सेल्फटोक करें - जैसे मै एक अच्छा इंसान हूं ,मुझे सब चाहते है ,मेरे बहुत सारे फ्रेंड्स हैं , मै एक सफल ब्यक्ति हूं , मै स्वस्थ ब्यक्ति हूं।
कल की चिंता न करें। कल जो होगा अच्छा होगा। मन को शांत करने वाले पुराने गाने सुनें ,जो धीमे और शांत होते है।
या फिर इस तरह के म्यूजिक भी सुन सकते है। अगर अच्छा लगे तो इसे शेयर करें ,कम्मेंट करें आप सब्सक्राइब भी कर सकते है
मेरे इस ब्लॉग को पढ़ने का समय निकलने के लिए आपका ध्न्यबाद।
फिर मिलते हैं अगले अंक में>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
Acha laga par ke
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